पटना, 24 अगस्त 2025: बिहार की राजनीति में इस समय बदलाव की बयार बह रही है। एक तरफ युवा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं, जो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की कमान संभालते हुए जनता से सीधा जुड़ाव बना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रशांत किशोर (PK) हैं, जो एक सफल चुनावी रणनीतिकार से जननायक बनने की कोशिश में जुटे हैं। इन दोनों के बीच ही बिहार की राजनीति का भविष्य तय होता दिख रहा है।
तेजस्वी यादव का उभार
तेजस्वी यादव ने पिछले एक दशक में खुद को बिहार की राजनीति में एक मजबूत चेहरा साबित किया है। वे युवाओं, किसानों और रोजगार के मुद्दे पर लगातार आवाज उठाते रहे हैं। लालू प्रसाद यादव की विरासत को आगे बढ़ाते हुए वे विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरे हैं। खासकर बेरोजगारी और शिक्षा पर उनका फोकस युवाओं को आकर्षित कर रहा है।
प्रशांत किशोर की एंट्री
प्रशांत किशोर ने एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। लेकिन अब वे सीधे जनता से जुड़ने के लिए जन सुराज अभियान चला रहे हैं। गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं को सुनना और समाधान का खाका पेश करना उनकी खासियत है। उनकी छवि एक गैर-परंपरागत नेता की है, जो राजनीति में नई सोच लेकर आए हैं।
बदलते समीकरण
बिहार में सत्ता परिवर्तन की संभावना लगातार चर्चा में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अगला बड़ा चेहरा कौन होगा, इस पर बहस तेज है। कई राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिहार की अगली राजनीति का केंद्र बिंदु तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर ही होंगे।
युवाओं की उम्मीदें
बिहार की बड़ी आबादी युवाओं की है। ये युवा बेहतर शिक्षा, रोजगार और विकास चाहते हैं। तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर दोनों ही इस मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं के बीच मुकाबला दिलचस्प बनता जा रहा है।
विपक्ष और सत्ता पक्ष की रणनीति
सत्तारूढ़ दल इस बदलते राजनीतिक माहौल को लेकर सतर्क है। बीजेपी और जदयू दोनों ही जानते हैं कि अगर तेजस्वी और प्रशांत किशोर की लोकप्रियता बढ़ती रही तो सत्ता समीकरण बदल सकता है। विपक्ष इस माहौल को भुनाने की कोशिश में है।
भविष्य की राजनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की राजनीति दो ध्रुवों पर टिक सकती है—तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर। दोनों की कार्यशैली और दृष्टिकोण अलग है, लेकिन जनता की उम्मीदों का केंद्र वही हैं।
कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति एक नए दौर में प्रवेश कर रही है। अब देखना होगा कि अगला नेतृत्व किसके हाथों में जाता है—तेजस्वी यादव या प्रशांत किशोर।

Comments
Post a Comment