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नेपाल सीमा क्यों बन रही है सुरक्षा के लिए कमजोर कड़ी? पाकिस्तानी घुसपैठ ने बढ़ाई चिंता


/समस्तीपुर, 28 सितंबर 2025: भारत-नेपाल की खुली सीमा एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गई है। हाल ही में नेपाल सीमा से पकड़े गए पाकिस्तानी घुसपैठियों ने साबित कर दिया कि यह इलाका बाहरी ताकतों के लिए भारत में प्रवेश का आसान रास्ता बन रहा है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, सीमा की ढीली निगरानी और भौगोलिक चुनौतियाँ सुरक्षा के लिए बड़ी कमजोरी साबित हो रही हैं।

नेपाल सीमा क्यों है संवेदनशील

भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है। दोनों देशों के नागरिक बिना वीज़ा और पासपोर्ट के आवाजाही कर सकते हैं। यही खुलापन तस्करों, आतंकी संगठनों और घुसपैठियों के लिए रास्ता आसान बना देता है। कई बार नकली नोट, हथियार और ड्रग्स की तस्करी भी इसी सीमा के रास्ते हुई है।

पाकिस्तानी घुसपैठ ने बढ़ाई चिंता

हाल ही में बिहार और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर इलाकों से सुरक्षा बलों ने कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ा, जो नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। जांच में पता चला कि इनमें से कई लोगों का संबंध संदिग्ध संगठनों से था। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है।

सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियाँ

  • लंबी और खुली सीमा पर लगातार निगरानी मुश्किल।
  • घने जंगल और ग्रामीण इलाकों में चेकिंग पॉइंट्स सीमित।
  • स्थानीय लोगों की आवागमन से घुसपैठियों की पहचान मुश्किल।
  • तकनीकी उपकरणों और आधुनिक निगरानी सिस्टम की कमी।

सरकार और प्रशासन की रणनीति

भारत सरकार ने सीमा पर SSB (सशस्त्र सीमा बल) की तैनाती को और मजबूत करने का फैसला लिया है। ड्रोन और सर्विलांस कैमरों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही नेपाल सरकार से सहयोग बढ़ाने और साझा गश्त को तेज करने की कोशिशें की जा रही हैं।

स्थानीय लोगों की भूमिका

बॉर्डर से लगे गांवों के लोग कई बार अनजाने में घुसपैठियों के शिकार बन जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय निवासियों को सतर्क करना और उन्हें संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है।

भविष्य की चिंता

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर नेपाल सीमा पर निगरानी मजबूत नहीं की गई तो आतंकी संगठन और तस्कर इसे भारत में प्रवेश का सुरक्षित रास्ता मानते रहेंगे। ऐसे में यह केवल बिहार और यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।

सुरक्षा विशेषज्ञों की राय है कि तकनीक, स्थानीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तीनों को मिलाकर ही नेपाल सीमा को मजबूत किया जा सकता है।

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