पटना, 03 सितंबर 2025: बिहार में आपातकालीन पुलिस सेवा Dial-112 ने तीन साल का सफर पूरा कर लिया है। इन तीन वर्षों में इस सेवा ने 43 लाख से ज्यादा लोगों को समय पर मदद पहुँचाकर अपनी अहमियत साबित की है। सड़क दुर्घटनाओं से लेकर घरेलू हिंसा और आपराधिक घटनाओं तक, Dial-112 अब लोगों के लिए भरोसेमंद सहारा बन गई है।
सेवा की शुरुआत और उद्देश्य
Dial-112 को तीन साल पहले एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के रूप में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य था कि किसी भी आपात स्थिति में लोग एक ही नंबर पर कॉल कर त्वरित मदद प्राप्त कर सकें। यह सेवा 24×7 उपलब्ध है और कॉल सेंटर से तुरंत नजदीकी पुलिस वाहन को घटनास्थल पर भेजा जाता है।
अब तक की उपलब्धियाँ
- तीन साल में 43 लाख से अधिक कॉल्स पर कार्रवाई।
- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े हजारों मामलों में त्वरित मदद।
- सड़क हादसों में घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाने में अहम भूमिका।
- गांव से लेकर शहर तक हर क्षेत्र में समय पर पुलिस पहुँच सुनिश्चित।
लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि Dial-112 ने उनकी सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है। कई लोगों ने बताया कि पहले छोटे-छोटे मामलों में पुलिस तक पहुंचने में देर हो जाती थी, लेकिन अब कॉल करने के कुछ ही मिनटों में सहायता मिल जाती है।
पुलिस की चुनौती
अधिकारियों का कहना है कि सेवा की सफलता के साथ चुनौतियाँ भी आई हैं। रोजाना हजारों कॉल्स आते हैं, जिनमें से कई फर्जी या मज़ाक के लिए होते हैं। इसके बावजूद पुलिस टीम ने हर सही कॉल पर त्वरित प्रतिक्रिया देने का लक्ष्य पूरा किया है।
भविष्य की योजना
सरकार का लक्ष्य है कि Dial-112 को और आधुनिक बनाया जाए। इसमें GPS आधारित ट्रैकिंग, महिला सुरक्षा के लिए पैनिक बटन और एंबुलेंस सेवाओं के साथ एकीकरण जैसे नए फीचर जोड़े जाएंगे।
कुल मिलाकर, तीन साल में Dial-112 बिहार की पुलिस व्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है। इसने न सिर्फ लाखों लोगों को समय पर मदद दी है, बल्कि पुलिस पर जनता का भरोसा भी बढ़ाया है।

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