बिहार कैबिनेट की बैठक: 49 अहम फैसले, ठेका और पंचायत कर्मियों को बड़ी राहत
पटना, 2 सितम्बर 2025: बिहार की राजनीति और प्रशासन के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 49 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इन प्रस्तावों में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे ठेका और पंचायत कर्मियों के लिए राहत देने वाले निर्णय। लंबे समय से जो माँग उठ रही थी, उस पर सरकार ने आखिरकार बड़ा कदम उठा दिया।
ठेका कर्मियों की सेवा शर्तों में बदलाव
बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि ठेका कर्मियों की सेवा शर्तों में अब बड़ा बदलाव किया गया है। उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतनमान और छुट्टियों का लाभ मिलेगा। अब तक इन कर्मियों को अस्थायी माना जाता था, लेकिन नई नीति से उनका दर्जा और सुविधाएँ बेहतर हो जाएंगी।
पंचायत स्तर पर काम करने वाले कर्मियों के लिए भी खुशखबरी है। सरकार ने फैसला किया है कि उन्हें अतिरिक्त भत्ते और प्रशिक्षण के अवसर दिए जाएंगे। इससे ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और काम की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
लंबे समय से उठ रही थी माँग
बिहार में हजारों ठेका कर्मचारी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और सप्लाई जैसे अहम विभागों में काम कर रहे हैं। वे सालों से स्थायी नौकरी और समान वेतन की माँग कर रहे थे। कई बार उन्होंने प्रदर्शन भी किए और सरकार तक अपनी आवाज पहुँचाई।
पटना के सचिवालय गेट पर हाल ही में हुए धरने में शामिल एक कर्मचारी ने कहा था, “हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन सुविधाएँ आधी भी नहीं मिलतीं। सरकार से हमें उम्मीद है कि हमारी बात सुनी जाएगी।” कैबिनेट का ये निर्णय उन्हीं उम्मीदों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
49 प्रस्तावों पर लगी मुहर
बैठक में सिर्फ ठेका कर्मियों से जुड़े फैसले ही नहीं हुए, बल्कि कुल 49 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सड़क निर्माण, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना और कृषि क्षेत्र के लिए विशेष योजनाएँ शामिल हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि इन प्रस्तावों से बिहार के विकास को नई गति मिलेगी। खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में होने वाले बदलाव आम लोगों तक सीधे पहुँचेंगे।
सरकार की मंशा पर उठ रहे सवाल
हालाँकि विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय चुनाव को देखते हुए लिया गया है। राजद के एक नेता ने कहा, “सरकार ने अचानक इतनी बड़ी रियायतें क्यों दीं? क्या यह सिर्फ वोट बैंक को ध्यान में रखकर किया गया कदम है?”
वहीं, जदयू प्रवक्ताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह फैसला कर्मियों के हक में लिया गया है और इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
आगे का रास्ता
ठेका और पंचायत कर्मियों को राहत देने वाला यह कदम निश्चित रूप से हजारों परिवारों के लिए खुशी की खबर है। अब देखना होगा कि सरकार कितनी जल्दी इन फैसलों को जमीन पर उतारती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रस्ताव समय पर लागू हुए, तो इससे न सिर्फ कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि सरकार और जनता के बीच भरोसा भी मजबूत होगा।
समस्तीपुर से लेकर पटना तक, कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में उन्हें और भी लाभ मिलेंगे।

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